कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ माना कि मैं तो पतित बहुत हूँ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥ नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥ His tales teach us about really like, both equally divine and human. You https://hindubhajan.in/hanuman-chalisa/