देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। स्वामी एक है आस तुम्हारी । आय हरहु अब संकट भारी ॥ लाय सजीवन लखन जियाये। श्री रघुबीर हरषि उर लाये।। https://shivchalisas.com